प्रेस क्लब में कल बच्चे प्रस्तावित करेंगे राजनीतिक दलों के घोषणा पत्र के लिए अपने सुझाव…

द फ्यूचर सोसाइटी और पिंक सिटी प्रेस क्लब के संयुक्त तत्वावधान में ” बच्चों की सरकार कैसी हो” अभियान को आगे बढ़ाते हुए 18 नवंबर को राजस्थान की राजधानी जयपुर में बच्चे मीडिया के वरिष्ठ साथियों के साथ अपने मन की बात साझा करेंगे| विश्व बाल सप्ताह के तहत आयोजित होने वाले इस संवाद सत्र में बच्चों द्वारा तैयार किया गया घोषणा पत्र प्रदेश के सामने रखा जायेगा। 

18 नवंबर को दोपहर 12 बजे राजस्थान के बच्चे और मीडिया के साथी पिंक सिटी प्रेस क्लब के कांफ्रेंस हॉल में आयोजित होने वाली इस परिचर्चा में आने वाली सरकार से अपनी उम्मीदें भी साझा करेंगे। सरकारों द्वारा अपनी योजनाओं में बाल हितों को कैसे प्राथमिकता देनी चाहिए और बाल अधिकारों को कैसे संरक्षित किया जाए इस विषय पर राजस्थान के बच्चों ने अलग-अलग इलाकों से विभिन्न विषयों पर सुझाव तैयार किए गए है।

इन सुझावों पर आधारित एक बाल घोषणा पत्र तैयार करने के लिए “दशम” और “आरआईएचआर” ने मिलकर पूरे प्रदेश के बच्चों से राजनीतिक दलों के घोषणा पत्र के लिए सुझाव मांगें थे जिसमें बड़ी संख्या में बच्चों ने अपने विचार साझा किए है। गौरतलब है कि डिजिटल बाल मेला बच्चों की सरकार कैसी हो? अभियान का संचालन करता है जिसका मकसद है बाल विचारों को अहमियत देना है।

बाल अधिकारों को अहमियत देने के लिए मनाए जा रहे विश्व बाल सप्ताह के तहत विभिन्न तरह के कार्यक्रमों का आयोजन दुनिया भर में किया जा रहा है। इसी श्रृंखला में फ्यूचर सोसाइटी संस्थान द्वारा बच्चों की राजनीतिक सहभागिता बढ़ाने के लिए 2021 में “बच्चों की सरकार कैसी हो” अभियान की शुरूआत की गई थी। इसी के तहत राजस्थान और हिमाचल प्रदेश में विधानसभा बाल सत्रों में बच्चों ने अपने विचारों से राज्य सरकारों को अवगत करवाया था। हजारों की संख्या में बच्चों द्वारा दिए गए सुझावों के आधार पर ही बाल घोषणा पत्र तैयार किए गए है।

फ्यूचर सोसाइटी की उपाध्यक्ष रविता शर्मा ने बताया कि बाल हितों को प्राथमिकता देने के लिए ज़रूरी है कि राजनीतिक दल बच्चों के विचारों को अपने घोषणा पत्रों में स्थान प्रदान करें.

डिजिटल बाल मेला बच्चों के बीच जागरूकता पैदा करने और उनकी कला को प्रदर्शित करने के लिए एक मंच प्रदान करने के लिए बच्चों द्वारा स्थापित एक मंच है। डिजिटल बाल मेला सूचना प्रौद्योगिकी की शक्ति का उपयोग करके बच्चों को उनके रचनात्मक पक्ष को उजागर करने में मदद कर रहा है और इसे जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है।

 

आपको बता दें कि डिजिटल बाल मेले की शुरुआत 2020 में जयपुर की रहने वाली 10 साल की जान्हवी शर्मा ने की थी। डिजिटल बाल मेला अब तक कई अभियान चला चुका है जिनमें “राजस्थान विधानसभा बाल सत्र”, “हिमाचल प्रदेश विधानसभा बाल सत्र”, “मैं भी बाल सरपंच” आदि शामिल हैं।

 

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