आत्महत्या रोकथाम दिवस पर डॉ. सुनील शर्मा का संदेश…

पढ़िए, वरिष्ठ मनोरोग विशेषज्ञ ने बच्चों से क्या अपील की..

गेस्ट एडिटर, डॉ. सुनील शर्मा

हमारे थोड़ा सजग एवं संवेदनशील प्रयासों से आत्महत्या को 100% तक रोका जा सकता है। युवाओं में बढ़ती प्रतिस्पर्धा का तनाव, पीयर प्रेशर ,ऑनलाइन गेमिंग ,नशे की प्रवृत्ति, अवसाद व अन्य मानसिक रोग आत्महत्या के प्रमुख कारण हैं।

आत्महत्या के विचार या आत्महत्या करने वाला व्यक्ति अपने व्यवहार से आत्महत्या के संकेत जरूर देता है ,बस आवश्यकता इस बात की है कि हम उन संकेतों को देखें ,सुनें और समझें । उस व्यक्ति की सहायता के लिए उपलब्ध रहे, ध्यान रहे हमें उस व्यक्ति के साथ बिना जजमेंटल हुए और समानुभूति के साथ संवाद स्थापित करना है ।उसे अपने मन की बात कहने के लिए सहज करना होगा। उसकी समस्याओं को समझे और स्वीकार करें, उसकी समस्या आपको चाहे कितनी भी छोटी लगे परन्तु उसे नकारे नहीं, उसका मजाक ना उड़ाए और भरोसा दिलाए की आप उसकी समस्या सुलझाने में उसके साथ हैं। प्रोफेशनल हेल्प लेने में संकोच न करें।

*लेट’एस क्रिएट होप थ्रू एक्शन।*

डॉ सुनील शर्मा

वरिष्ठ विशेषज्ञ मनोरोग

जयपुर के वरिष्ठ मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. सुनील शर्मा ने डिजिटल बाल मेला के बच्चों को इस लेख के माध्यम से संदेश देते हुए अपील की है कि वह आत्महत्याओं को रोकने के लिए हर संभव प्रयास करें।

डिजिटल बाल मेला बच्चों के बीच जागरूकता पैदा करने और उनकी कला को प्रदर्शित करने के लिए एक मंच प्रदान करने के लिए बच्चों द्वारा स्थापित एक मंच है। डिजिटल बाल मेला सूचना प्रौद्योगिकी की शक्ति का उपयोग करके बच्चों को उनके रचनात्मक पक्ष को उजागर करने में मदद कर रहा है और इसे जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है।

आपको बता दें कि डिजिटल बाल मेले की शुरुआत 2020 में जयपुर की रहने वाली 10 साल की जान्हवी शर्मा ने की थी। डिजिटल बाल मेला अब तक कई अभियान चला चुका है जिनमें “राजस्थान विधानसभा बाल सत्र”, “हिमाचल प्रदेश विधानसभा बाल सत्र”, “मैं भी बाल सरपंच” आदि शामिल हैं।

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