जानिए विश्व रंगमंच दिवस (World Theater Day) के बारे में।
शिवाक्ष शर्मा।
विश्व रंगमंच दिवस की शुरुआत 1961 में अंतर्राष्ट्रीय रंगमंच संस्थान ITI द्वारा की गई थी। यह प्रतिवर्ष 27 मार्च को आईटीआई केंद्रों और अंतर्राष्ट्रीय थिएटर समुदाय द्वारा मनाया जाता है। इस साल 2024 में 62वां विश्व रंगमंच दिवस मनाया जाएगा। विश्व रंगमंच दिवस लोगों को प्रभावित करने, मनोरंजन करने, सिखाने और बदलने में रंगमंच कलाओं के मूल्य को पहचानता और रेखांकित करता है।
थिएटर न केवल मनोरंजन प्रदान करता है बल्कि यह एक कला रूप भी होता है जो व्यक्तियों को शिक्षित और प्रेरित करता है। कई नाटक विभिन्न विषयों पर प्रदर्शित होते हैं, जिनमें सामाजिक मुद्दे, मनोरंजन और कॉमेडी शामिल होते हैं। यह दिन हमारे जीवन में थिएटर के महत्व को समझाने का उद्देश्य रखता है। अंतर्राष्ट्रीय रंगमंच संस्थान ने 1961 में विश्व रंगमंच दिवस की स्थापना की। 1962 में, जीन कोक्ट्यू ने विश्व रंगमंच दिवस के लिए एक संदेश लिखा तब से यह तिथि प्रतिवर्ष 27 मार्च (पेरिस में 1962 में “थिएटर ऑफ नेशंस” सीज़न के उद्घाटन की वर्षगांठ) पर मनाई जाती है। दुनिया भर में अपने 85 केंद्रों के अलावा, अंतर्राष्ट्रीय थिएटर संस्थान कॉलेजों, स्कूलों और थिएटर पेशेवरों को इस आयोजन में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करता है।
डिजिटल बाल मेला ने मार्च माह के महत्वपूर्ण दिनों पर एक लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया है। प्रतियोगिता के अंत में जिस बच्चे की लेखन कला सबसे अच्छी होगी उसे 1100 रुपये का नकद पुरस्कार भी दिया जाएगा। आप भी इसमें भाग ले सकते हैं। आपके द्वारा लिखे गए लेख डिजिटल बाल मेला में भेजें। बाल लेखकों द्वारा लिखे गए आलेखों को डिजिटल बाल मेला की वेबसाइट पर पोस्ट किया जाएगा।
डिजिटल बाल मेला की शुरुआत कोरोना काल में बच्चों की बोरियत को दूर करने के लिए जयपुर के महाराजा सवाई मानसिंह विद्यालय की छात्रा जान्हवी शर्मा द्वारा की गई थी। इसके तहत अभी तक कई अभियानों का आयोजन किया जा चुका है जिसमें “बच्चों की सरकार कैसी हो?” “मैं भी बाल सरपंच” “कौन बनेगा लोकतंत्र प्रहरी” “म्यूजियम थ्रू माय आइज” आदि शामिल हैं।
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