आदित्य शर्मा|
जयपुर| भारत (India) में किसी भी प्रकार सरकारी व्यवस्था (Government System) को चलाने में दो प्रकार के लोग शामिल होते है| पहले जन प्रतिनिधि (Peoples Representative) जिन्हें भारत की जनता द्वारा समर्थन देकर चुना जाता है और दूसरे सरकारी अधिकारी (Bureaucrats) जो सरकारी परीक्षा देकर इस क्षेत्र में आते है| इस ही प्रकार पंचायत राज प्रणाली (Panchayat Raj System) में भी कार्य का ज़िम्मा दो व्यक्तियों पर होता है|
खासकर की जब बात “पंचायत समिति” (Panchayat Samiti) की आती है तो यहाँ दो लोगों पर कार्य पूर्ण करने का ज़िम्मा होता है| पहला जन प्रतिनिधि जिन्हें राजस्थान (Rajasthan) के परिपेक्ष में समिति प्रधान (Samiti Pradhan) की उपाधि प्राप्त है| समिति प्रधान या प्रधान (Pradhan) के साथ उप प्रधान और समिति सदस्य भी पंचायत समिति कार्यालय के संचालन में शामिल होते है|
वहीँ दूसरी और सरकारी तंत्र के माध्यम से ब्लॉक विकास अधिकारी (Block Development Officer) (B.D.O) की नियुक्ति पंचायत समिति स्तर पर की जाती है| जिसकी जिम्मेदारी होती है पंचायत राज विभाग (Panchayat Raj Department) द्वारा शुरू की गयी योजनाओं (Schemes) को ग्राम पंचायत तक पहुँचाना और ग्राम सेवा अधिकारीयों के काम पर नज़र बनाये रखना| गौरतलब है की “पंचायत समिति” स्तर पर कार्य करने और विकास करने के लिए समिति प्रधान और ब्लॉक विकास अधिकारी दोनों बराबर ज़िम्मेदार होते है|
आपकी जानकारी के लिए बता दें की यह लेख आप डिजिटल बाल मेला (Digital Baal Mela) के अभियान “मैं भी बाल सरपंच” द्वारा शुरू किये गए “पंचायत समिति” जागरूकता सप्ताह (Panchayat Samiti Awareness Week) के चलते पढ़ रहे है| इस जागरूकता सप्ताह में हम बच्चों को “पंचायत समिति” के बारे में जागरूक कर रहे है|
आप अपने बच्चे को डिजिटल बाल मेला के इस अभियान से जोड़ना चाहतें है या अपनी पंचायत समिति की कोई बात, कोई सुझाव साझा करना चाहतें है तो www.digitalbaalmela.com पर जाएँ या +918005915026 मोबाईल नंबर पर संपर्क करें| अधिक जानकारी के लिए आप हमारे सोशल Media Handle’s फॉलो करें|
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