12 जून को स्पीकर श्री कुलदीप सिंह पठानिया की अध्यक्षता में हुआ था आयोजन…
साक्षी ठाकुर.
शिमला. 12 जून को हिमाचल प्रदेश विधानसभा स्पीकर की अध्यक्षता में राज्य ऐतिहासिक बाल सत्र का साक्षी बना. इस विशेष सत्र के लिए देश भर से 68 बच्चों का चयन किया गया था, जिसकी प्रक्रिया कुल तीन माह चली थी. “बाल प्रतिनिधि” बाल मुद्दों पर अपनी आवाज़ शिमला स्थित विधानसभा भवन में मुखर करते नज़र आए. पच्छाद के जी एस एस एस कोटिया बांगी विद्यालय में पढ़ रहे आदित्य का चयन भी इस सत्र के लिए किया गया था जिसमें उन्होंने विपक्ष के विधायक की भूमिका निभाई.
विपक्ष में बैठकर आदित्य ने सरकार को नियम 324 के तहत सुझाव देते हुए कहा कि -” मैं आज हमारे प्रदेश की चिकित्सा व्यवस्था के डिजिटलीकरण के लिए माननीय चिकित्सा मंत्री के सामने प्रस्ताव पेश करने के लिए इस सदन में मौजूद हूँ. सभापति महोदय हमारे प्रदेश की चिकित्सा व्यवस्था को हम दो भागों में देख सकते है पहला भाग जिला स्तर पर, जहाँ हमें देखने को मिलता है कि लगभग सभी जिलों में हॉस्पिटल का विकास किया जा चुका है और जिला शिमला में प्रदेश के कुछ बहुत अच्छे चिकित्सा संस्थान मौजूद है. वहीं इसके उलट जब हम तहसील और ग्राम स्तर पर देखते है तो हमें पता चलता है कि ज़्यादातर क्षेत्रों में चिकित्सा व्यवस्था में कई खामियां है, कहीं पी.एच.सी नहीं है. कहीं है तो उनमें डॉक्टर नहीं है, किसी में डॉक्टर है तो वह 24 घंटे नहीं है, किसी में 24 घंटे सुविधा है तो वहां उपकरणों की कमी है और ऐसी कई खामियां जिन्हें गिनाते -गिनाते सत्र ख़त्म हो जाए….. “
इस सत्र में मुख्य अतिथि के तौर पर राज्य के मुख्यमंत्री श्री सुखविंदर सिंह सुक्खू एवं बतौर विशिष्ठ अतिथि राज्यसभा उप-सभापति श्री हरिवंश नारायण सिंह, शामिल हुए . इस सत्र की ख़ास बात यह रही की बच्चों ने ही मुख्यमंत्री, नेता-प्रतिपक्ष, स्पीकर समेत सभी पदों की भूमिका निभाई व एक दिन के लिए राज्य की विधानसभा का संचालन किया.
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