दृष्टि दिवस को मनाने का मकसद है अंधेपन एवं दृष्टि हानि के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना 

आइए जानते हैं विश्व दृष्टि दिवस के बारे में।

शिवाक्ष शर्मा।

विश्व दृष्टि दिवस हर वर्ष 12 अक्टूबर को मनाया जाता है। इस दिवस पर दृष्टि की देखभाल एवं दृष्टि हानि पर जागरूकता भी फैलाई जाती है। डब्ल्यूएचओ की एक रिपोर्ट के अनुसार करीब दुनिया मे 1 अरब लोग किसी ना किसी तरह से दृष्टि दोष से प्रभावित हैं। 50 साल के बाद तो दृष्टि की समस्या अधिक बढ़ जाती है। पहली बार ये दिवस 8 अक्टूबर 1998 को मनाया गया था।

दृष्टि कम होने के कई कारण हो सकते हैं जैसे की डाइट में विटामिन्स युक्त चीजों की कमी,कार्टेनॉइड्स से भरपूर खाने का कम सेवन, धूम्रपान करना और अगर दृष्टि दोष हो जाए तो चश्मे का उपयोग ना करना।

इस वर्ष ये दिवस ‘काम के समय अपनी आंखों से प्यार करना’ थीम पर मनाया जाएगा।

यह एक ऐसा दिन है जब सरकारें, गैर सरकारी संगठन, नेत्र देखभाल पेशेवर और जनता एक ऐसी दुनिया की दिशा में काम करने के लिए एक साथ आते हैं जहां हर किसी को गुणवत्तापूर्ण नेत्र देखभाल तक पहुंच प्राप्त हो।

डिजिटल बाल मेला बच्चों के बीच जागरूकता पैदा करने और उनकी कला को प्रदर्शित करने के लिए एक मंच प्रदान करने के लिए बच्चों द्वारा स्थापित एक मंच है। डिजिटल बाल मेला सूचना प्रौद्योगिकी की शक्ति का उपयोग करके बच्चों को उनके रचनात्मक पक्ष को उजागर करने में मदद कर रहा है और इसे जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है।

आपको बता दें कि डिजिटल बाल मेले की शुरुआत 2020 में जयपुर की रहने वाली 10 साल की जान्हवी शर्मा ने की थी। डिजिटल बाल मेला अब तक कई अभियान चला चुका है जिनमें “राजस्थान विधानसभा बाल सत्र”, “हिमाचल प्रदेश विधानसभा बाल सत्र”, “मैं भी बाल सरपंच” आदि शामिल हैं।

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