आइए जानते हैं राजस्थान के सादगी पसंद मंत्री बाबूलाल खराड़ी के बारे में…

एक साधारण झोपड़ी से मंत्री पद तक का सफर…

शिवाक्ष शर्मा।

बाबूलाल खराड़ी का जन्म 15 अगस्त 1967 को हुआ। खराड़ी आदिवासी समुदाय से आते हैं। वह उदयपुर जिले के दूरदराज के आदिवासी बेल्ट झाड़ोल से आते है।
बाबुलाल खराड़ी झाड़ोल से चार बार विधायक रह चुके है। विधायक बनने पहले खराड़ी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के भीतर विभिन्न पदों पर काम कर चुके हैं। बाबूलाल खराड़ी अपनी सादगी एवं सरल जीवनशैली के लिए जाने जाते हैं। वह आज भी साधारण झोपड़ी में रहते हैं।
पहली बार उन्होंने वर्ष 1998 के विधानसभा चुनाव में राजनीति में कदम रखा। बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा, लेकिन हार का सामना करना पड़ा। लेकिन भाजपा ने उन पर भरोसा जताते हुए 2003 के विधानसभा चुनाव में फिर से टिकट दिया तो खराड़ी ने जीत हासिल की। इसके बाद वे 2008 में फिर से विधायक बने। 2008 में वे फिर से विधायक चुने गए, हालाँकि 2013 में वह कांग्रेस के हीरालाल दरांगी से चुनाव हार गए थे।
उन्होंने 2018 और 2023 में झाड़ोल से लगातार भाजपा को विजयी बनाया। पिछली बार की काँग्रेस सरकार में वह राजस्थान विधानसभा के सबसे अच्छे विधायक चुने गए थे।
खराड़ी को 2023 की नयी नवेली भजनलाल सरकार में पहली बार मंत्री बनने का मौका मिला और वो भी कैबिनेट मंत्री का। बाबूलाल खराड़ी को जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग एवं गृह रक्षा विभाग का कार्यभार सौंपा गया है।

डिजिटल बाल मेला की शुरुआत कोरोना काल में बच्चों की बोरियत को दूर करने के लिए जयपुर के महाराजा सवाई मानसिंह विद्यालय की छात्रा जान्हवी शर्मा द्वारा की गई थी। इसके तहत अभी तक कई अभियानों का आयोजन किया जा चुका है जिसमें “बच्चों की सरकार कैसी हो?” “मैं भी बाल सरपंच” “कौन बनेगा लोकतंत्र प्रहरी” “म्यूजियम थ्रू माय आइज” आदि शामिल हैं।

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