जानिए अंतर्राष्ट्रीय संसदीय दिवस के बारे में।
बाल लेखक पारस माली।
अंतर्राष्ट्रीय संसदीय दिवस हर साल 30 जून को मनाया जाता है, जिस दिन 1889 में IPU की स्थापना हुई थी। इस दिवस की स्थापना 2018 में संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव के माध्यम से की गई थी।
संसदों के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय दिवस की स्थापना संसदीय लोकतंत्र के लिए इस महत्वपूर्ण समय में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जब लोग राजनीतिक संस्थाओं में विश्वास खो रहे हैं और लोकतंत्र स्वयं लोकलुभावन और राष्ट्रवादी आंदोलनों से चुनौतियों का सामना कर रहा है। यदि लोकतंत्र को पनपना है, तो संसदों को, कार्यशील लोकतंत्रों की आधारशिला के रूप में, मजबूत, पारदर्शी, जवाबदेह और प्रतिनिधि होना चाहिए।
अंतर्राष्ट्रीय संसदीय दिवस संसदों द्वारा अधिक प्रतिनिधि बनने और समय के साथ आगे बढ़ने के कुछ प्रमुख लक्ष्यों को प्राप्त करने में की गई प्रगति की समीक्षा करने का समय है, जिसमें आत्म-मूल्यांकन करना, अधिक महिलाओं और युवा सांसदों को शामिल करने के लिए काम करना और नई तकनीकों को अपनाना शामिल है।
यह डिजिटल बाल मेला द्वारा बच्चों की लेखन क्षमता बढ़ाने के लिए आयोजित प्रतियोगिता है। इसमें हर महीने बेहतरीन आर्टिकल भेजने वाले बच्चे को ‘राइटर ऑफ दी मंथ’ के खिताब से नवाज़ा जाता है एवं विजेता को ₹1100 की राशि प्रदान की जाती है। हम ये प्रतियोगिता हर महीने आयोजित करते हैं, आपको किन-किन विषयों पर आर्टिकल लिखने हैं इसकी जानकारी डिजिटल बाल मेला द्वारा हर महीने के अंत में दी जाती है। बाल लेखकों द्वारा लिखे गए आलेखों को डिजिटल बाल मेला की वेबसाइट पर पोस्ट किया जाता है।
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