तनय मिश्रा।
डिजिटल बाल मेला की ओर से जयपुर के तीज होटल में बीते शुक्रवार को “मैं भी बाल सरपंच” अभियान के तहत एक नवाचारी प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम में राज्य के कई जिलों के पंचायती क्षेत्रों से सरपंच और अन्य पंचायती अधिकारी शामिल हुए। इनमें हनुमानगढ़ की पीर का मरिया पंचायत क्षेत्र की सरपंच कलावती चाहर के प्रतिनिधि और उनके पुत्र रोहिताश चाहर भी शामिल हुए।
जयपुर। 23 सितंबर, शुक्रवार को डिजिटल बाल मेला की ओर से “मैं भी बाल सरपंच” अभियान के तहत जयपुर के तीज होटल में एक नवाचारी प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में राजस्थान के कई जिलों के पंचायती क्षेत्रों से सरपंच और अन्य पंचायती अधिकारी शामिल हुए। डिजिटल बाल मेला की तरफ से शुरू किए जा रहे इस अभियान में यूनिसेफ की भी भागीदारी है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में डिजिटल बाल मेला की मेंटर और वरिष्ठ पत्रकार डॉ. मीना शर्मा ने “मैं भी बाल सरपंच” अभियान के बारे में संबोधित किया। इस कार्यक्रम में हनुमानगढ़ की पीर का मरिया पंचायत क्षेत्र की सरपंच कलावती चाहर के प्रतिनिधि और उनके पुत्र रोहिताश चाहर भी शामिल हुए। आइए जानते है क्या कहा रोहिताश चाहर ने डिजिटल बाल मेला के इस नवाचारी अभियान के बारे में।
क्या कहा रोहिताश चाहर ने?
डिजिटल बाल मेला के “मैं भी बाल सरपंच” अभियान के प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल हनुमानगढ़ की पीर का मरिया पंचायत क्षेत्र की सरपंच कलावती चाहर के प्रतिनिधि और उनके पुत्र रोहिताश चाहर ने बच्चों के रुझान को प्रभावशाली बताया। रोहिताश चाहर ने बताया कि किस तरह वह अपनी जीप से गाँव के बच्चों को उनके कॉलेज तक छोड़ते थे, जिससे उन बच्चों का रुझान बना। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि किस तरह वह अभी भी हर हफ्ते स्कूल के बच्चों के बीच जाकर उनकी बात सुनते हैं। रोहिताश चाहर ने बताया कि डिजिटल बाल मेला के “मैं भी बाल सरपंच” अभियान की मदद से बच्चों का रुझान और बढ़ेगा और साथ ही उनकी सहभागिता भी बढ़ेगी। इसके लिए उन्होंने डिजिटल बाल मेला को पूरा सहयोग देने की बात कही।

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डिजिटल बाल मेला अपने अभियान “मैं भी बाल सरपंच” के माध्यम से देश के ग्रामीण और पंचायती क्षेत्र के बच्चों को पंचायती राज प्रणाली के प्रति जागरूक करने का कार्य करता है। इस अभियान के तहत डिजिटल बाल मेला ऑनलाइन और ऑफलाइन सत्र करता है, जिनमें राज्य के दिग्गज नेता बच्चों से पंचायती राज प्रणाली पर संवाद भी करेंगे। इन बच्चों को राजस्थान के गाँव, ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और विद्यालयों के माध्यम से जोड़ा जाएगा। इस अभियान में कई तरह के सत्र, वीडियो एंट्री, क्विज़ और डिबेट प्रतियोगिताएँ भी आयोजित की जाती हैं। इससे पहले डिजिटल बाल मेला “शेड्स ऑफ कोविड” पेंटिंग प्रदर्शनी का भी आयोजन कर चुका है।
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अगर आपका बच्चा भी “मैं भी बाल सरपंच” अभियान से जुड़ना चाहता है, तो आप डिजिटल बाल मेला की वेबसाइट www.digitalbaalmela.com पर रजिस्टर कर सकते हैं या इस नंबर 8005915026 पर वॉट्सऐप/टेलीग्राम के ज़रिए भी रजिस्टर कर सकते हैं। जानकारी के लिए डिजिटल बाल मेला के सोशल मीडिया हैंडल्स फॉलो करें…….
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