आदित्य शर्मा|
जयपुर| ई.वी.एम (E.V.M) या इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (Electronic Voting Machine) आज के समय में चुनावी प्रक्रिया (Election Process) का मुख्य संसाधन है. ई.वी.एम आधुनिक ज़माने की आधुनिक मतदान पैटी है, जिसमें भारत (India) का मतदाता अपना अमूल्य वोट रजिस्टर करता है|
भारत में ई.वी.एम से पहले बैलट बॉक्स (Ballot Box) में पर्ची डालकर चुनाव होते थे जिन्हें गिनने में समय की बर्बादी होती थी और साथ ही बहुत अधिक मात्रा में कागज़ का उपयोग भी होता था. जिसके चलते 2013 में केंद्र सरकार ने संविधान में लिखे चुनाव सुधार निति के चलते ई.वी.एम को चुनावी प्रक्रिया का हिस्सा बनाया.
इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के चलते मतदाता अब सीधे अपने पसंदीदा उम्मीदवार के नाम और पार्टी चिन्ह के आगे लगे बटन को दबा अपना वोट रजिस्टर कर सकते है. इस मशीन में सबसे नीचे नोटा बटन (Nota) की सुविधा भी मतदाताओं के पास होती है. इस बटन का मकसद होता है जब मतदाता किसी भी प्रतिनिधि को पसंद नहीं करता जब वह यह बटन दबा अपना विरोध दर्ज कर सकता है.
इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (Electronic Voting Machine) पर यह जानकारी आपको डिजिटल बाल मेला (Digital Baal Mela) और राजस्थान शिक्षा विभाग (Rajasthan Education Department) के द्वारा शुरू किये गए अभियान कौन बनेगा लोकतंत्र प्रहरी? के तहत दी जा रही है. 25 नवम्बर को राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर शुरू किए गए इस अभियान का मकसद भावी पीढ़ी को मतदान के प्रति जागरूक करना है.
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