शेड्स ऑफ कोविड: राजस्थान के बच्चों ने पृथ्वीराज चौहान के चित्र को किया जीवंत

लाइव पेंटिंग प्रतियोगिता

तनय मिश्रा।

डिजिटल बाल मेला और क्लासमेट द्वारा “शेड्स ऑफ कोविड” प्रदर्शनी के समापन के बाद अजमेर में आयोजित लाइव पेंटिंग प्रतियोगिता में 128 बच्चों ने हिस्सा लिया था। इन बच्चों ने कई बेहतरीन पेंटिंग्स बनाई, पर कुछ बच्चे ऐसे थे जिन्होंने पृथ्वीराज चौहान के चित्र को जीवंत कर दिया।

जयपुर। डिजिटल बाल मेला ने क्लासमेट के साथ मिलकर “शेड्स ऑफ कोविड” प्रदर्शनी के समापन के बाद 3 सितंबर को अजमेर में लाइव पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। डिजिटल बाल मेला के अभियान शेड्स ऑफ कोविड प्रदर्शनी में आमेर महल में कोविड से जुड़ी पेंटिंग्स की प्रदर्शनी लगाई गई थी। इसके बाद अजमेर में आयोजित लाइव पेंटिंग प्रतियोगिता में कुल 128 बच्चों ने हिस्सा लिया था। पेंटिंग का विषय था सम्राट पृथ्वीराज चौहान का चित्र बनाना। इस लाइव पेंटिंग प्रतियोगिता में बच्चे अपने अंदर के कलाकार को बाहर लाए और बेहतरीन पेंटिंग्स बनाई, जिनसे अजमेर के जाने-माने कला पारखी राम जयसवाल और संजय कुमार सेठी भी प्रभावित हुए थे। इन्हीं बच्चों में से कुछ बच्चे ऐसे भी थे जिन्होंने पृथ्वीराज चौहान के चित्र को जीवंत कर दिया। आइए एक नज़र डालते हैं इन नन्हें कलाकारों के द्वारा बनाए गए ऐसे ही कुछ चित्रों पर।

 

ऊपर प्रदर्शित पेंटिंग को अजमेर के मयूर स्कूल की 8th क्लास में पढ़ने वाले अक्षत बंसल ने बनाया है। अक्षत की उम्र महज 12 साल है।

ऊपर प्रदर्शित पेंटिंग को अक्षरा माहेश्वरी ने बनाया है। अक्षरा की उम्र 17 साल है और वह अजमेर के सेंट मैरी कान्वेंट स्कूल की 12th  क्लास में पढ़ती है।

ऊपर प्रदर्शित पेंटिंग को 15 साल के भूपेश मीणा ने बनाया है। भूपेश अजमेर के ईस्ट पॉइंट स्कूल की 10th क्लास का छात्र है।

ऊपर प्रदर्शित पेंटिंग को अजमेर के केवी 1 की 11th क्लास की 16 साल की छात्रा वर्णिता शर्मा ने बनाया है।

ऊपर प्रदर्शित पेंटिंग को 11 साल की तनिष्का चौधरी ने बनाया है। तनिष्का जयपुर के इंडियन इंटरनेशनल स्कूल की 6th क्लास में पढ़ती है।

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क्लासमेट की सहभागिता 

डिजिटल बाल मेला द्वारा अजमेर के राजकीय संग्रहालय के आर्कियोलॉजी डिपार्टमेंट में आयोजित लाइव पेंटिंग प्रतियोगिता में क्लासमेट की भी अहम भागेदारी रही है। क्लासमेट देश के सबसे बड़े स्टेशनरी ब्रांड्स में से एक है, जिसे 2003 में लॉन्च किया गया था। क्लासमेट की सामाजिक गतिविधियों में भी भागेदारी रहती है। क्लासमेट की प्रत्येक 4 नोटबुक्स की बिक्री पर इसकी पैरेंट कंपनी आईटीसी सामजिक विकास से जुड़े कार्यक्रमों में 1 रुपये की प्रोत्साहन राशि जमा कराती है। इसके साथ ही क्लासमेट बच्चों के लिए “यंग ऑथर्स कॉन्टेस्ट” और “स्पैल बी” जैसी प्रतियोगिताएं भी आयोजित करती रहती हैं। इससे पहले डिजिटल बाल मेला और क्लासमेट साथ मिलकर “शेड्स ऑफ कोविड” पेंटिंग प्रतियोगिता और प्रदर्शनी का भी आयोजन कर चुके हैं।

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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि डिजिटल बाल मेला के “मैं भी बाल सरपंच” अभियान के तहत बच्चों को पंचायती राज प्रणाली के प्रति जागरूक करने का कार्य किया जाता है। इस अभियान के तहत डिजिटल बाल मेला ऑनलाइन और ऑफलाइन सत्र करता है, जिनमें राज्य के दिग्गज नेता बच्चों से पंचायत राज प्रणाली पर संवाद करेंगे। इन बच्चों को राजस्थान के गाँव, ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और विद्यालयों के माध्यम से जोड़ा जाएगा। इस अभियान में कई तरह के सत्र, वीडियो एंट्री, क्विज़ और डिबेट प्रतियोगिताएँ भी आयोजित की जाती हैं। इससे पहले डिजिटल बाल मेला “शेड्स ऑफ कोविड” पेंटिंग प्रदर्शनी का भी आयोजन कर चुका है। “मैं भी बाल सरपंच” अभियान से जुड़ने के लिए आप डिजिटल बाल मेला की वेबसाइट www.digitalbaalmela.com पर रजिस्टर कर सकते हैं या इस नंबर 8005915026 पर वॉट्सऐप/टेलीग्राम के ज़रिए भी रजिस्टर कर सकते हैं। जानकारी के लिए डिजिटल बाल मेला के सोशल मीडिया हैंडल्स फॉलो करें…….

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