आदित्य शर्मा।
जयपुर। कल 7 मार्च को होलिका दहन के अवसर पर डिजिटल बाल मेला (Digital Baal Mela ) के बच्चे, होलिका दहन (Holika Dahan) का हिस्सा बने। जिसके चलते बच्चों ने होलिका और प्रह्लाद की कथा जानी, साथ ही बुराई पर अच्छाई की जीत का सबक सिखा। बच्चों को भगवन में आस्था रखने पर, फलस्वरूप भगवान उनकी रक्षा करते है का पाठ भी पढ़ने को मिला।
जिन बच्चों को नहीं पता उन्हें डिजिटल बाल मेला बता दें की भारत में हर वर्ष होलिका दहन किया जाता है। जिसमें एक पेड़ को होलिका के चिन्ह के रूप में जलाया जाता है। होलिका दहन के पीछे होलिका और प्रहलाद की सदियों पुरानी कहानी है। आपको भारत के प्रांतो में अलग अलग प्रकार के होलिका दहन देखने को मिलेंगे। जहाँ एक ओर राजस्थान (Rajasthan) में बाबुल के पेड़ों को होलिका के रूप में जलाया जाता है वहीँ दूसरी और मथुरा (Mathura) में प्रह्लाद और होलिका की मूर्ति भी रखी जाती है।

मथुरा का होलिका दहन।
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राजस्थान का होलिका दहन।
डिजिटल बाल मेला के साथ आप अभी आप भी अपनी #HOLIPIC साझा करें। अपनी होली की यादें डिजिटल बाल मेला के व्हाट्सप्प नंबर 8005915026 पर भेजें।
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