जानिए हिमाचल प्रदेश की कशिश से राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के बारे में।
बाल लेखिका कशिश।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी कहते थे, कि अगर देश के गांव को खतरा पैदा हुआ ,तो देश को खतरा पैदा हो जाएगा।
उन्होंने मजबूत और सशक्त गांव का सपना देखा था, जो भारत की रीड की हड्डी होती।
उन्होंने ग्राम स्वराज का कॉन्सेप्ट दिया था।
उन्होंने कहा था कि पंचायत के पास सभी अधिकार होने चाहिए।
गांधी जी के सपने को पूरा करने के लिए 1992 में संविधान में 73 व संशोधन किया गया और ’पंचायती राज संस्थान’ का कॉन्सेप्ट पेश किया गया।
इस कानून की मदद से स्थानीय निकायों को ज्यादा से ज्यादा शक्तियां दी गई। उनको आर्थिक विकास और सामाजिक न्याय की शक्ति और जिम्मेदारियां भी दी गई।
भारत एक बहुत ही विकसित देश है और इसे विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र कहा जाता है।
कई प्रदेशों में जनसंख्या और क्षेत्रफल अधिक होने के कारण प्रदेश के सबसे ऊंचे पद पर बैठा व्यक्ति ग्रामीण इलाकों के लोगों की समस्याओं से अवगत नहीं हो पता था। इसीलिए यह तय किया गया कि देश में लोकतंत्र की जड़ों को पेड़ की जड़ों की तरह फैलाया जाए।
इस काम के लिए बलवंत राय मेहता की अध्यक्षता में 1957 में एक समिति का गठन किया गया था।
समिति ने अपनी सिफारिश में जनतांत्रिक विकेंद्रीकरण की सिफारिश की जिसे ‘पंचायती राज’ कहा गया है। समिति ने तीन स्तरीय पंचायती राज व्यवस्था की बात कही थी भारत में पंचायती राज व्यवस्था तीन प्रकार की है:—
•ग्राम स्तरीय पंचायत।
* प्रखंड ब्लॉक स्तरीय पंचायत ।
•जिला स्तरीय पंचायत।
राजस्थान देश का पहला राज्य था ,जहां पर पंचायती राज व्यवस्था को लागू किया गया था ।
इस योजना का शुभारंभ प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने नागौर जिले में 2 अक्टूबर ,1959 को किया था। इसके बाद इस योजना को 1959 में ही आंध्र प्रदेश में लागू किया गया था।
पंचायती राज दिवस मनाने का कारण भारत में पंचायती राज व्यवस्था की देखरेख के लिए 2004 में पंचायती राज मंत्रालय को एक अलग मंत्रालय बनाया गया।
भारत में हर साल 24 अप्रैल को ‘राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस’ मनाया जाता है ।
इस दिवस को मनाने का कारण 73वां संविधान संशोधन अधिनियम 1992 है ,जो 24 अप्रैल 1993 से लागू हुआ था।राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस 24 अप्रैल 2010 से मनाया जा रहा है।
भारत में लगभग 2.54 लाख पंचायते हैं। जिनमें 2.47 लाख ग्राम पंचायत ,6283 ब्लॉक पंचायत और 595 जिला पंचायत शामिल है। देश में 29 लाख से अधिक पंचायत प्रतिनिधि है।
भारत में पंचायती राज की स्थापना 24 अप्रैल, 1992 से मानी जाती है।
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