जानिए उदयपुर में स्थित सहेलियों की बाड़ी के बारे में…

जानिए उदयपुर में स्थित सहेलियों की बाड़ी के बारे में।

 

पारस माली।

 

भारतीय राज्य राजस्थान के उदयपुर ज़िले का प्रमुख और एक लोकप्रिय उद्यान तथा दर्शनीय स्थल है। इसका निर्माण महाराणा संग्राम सिंह ने करवाया था। उद्यान के पास एक संग्रहालय भी है। सहेलियों की बाड़ी एक अड़तालीस जवान महिलाओं का समूह था जिसे उदयपुर की राजकुमारी के दहेज़ के तौर पर दिया गया था। इसलिए उनके लिए इस उद्यान का निर्माण करवाया था। उद्यान में बहुत ही सुन्दर कमल के ताल एवं फूल है साथ ही संगमरमर के मंडप और हाथी के आकार के फव्वारे है जो कि अभूतपूर्व लगते हैं

यह उद्यान फतेहसागर झील के निकट स्थित है जिसका निर्माण राजकीय महिलाओं के लिए १७१० से १७३४ ईस्वी में महाराणा संग्राम सिंह ने करवाया था। लेकिन कुछ प्रमाणों के अनुसार इस उद्यान [1] की संरचना खुद महाराणा सांगा ने तैयार की थी और फिर अपनी महारानी को दिया था। इनके अलावा यह भी मिलता है कि ये ४८ सहेलियां महारानी के दहेज़ के रूप में भेंट की थी। यह उद्यान राजकीय महिलाओं के लिए काफी अच्छा और सुंदर रहा।
सहेलियों की बाड़ी राजस्थान के ख़ूबसूरत शहर उदयपुर में स्थित एक बाग़ है। इस बाग़ में कमल के तालाब, फ़व्वारे, संगमरमर के हाथी और ‘कियोस्क'[1] बने हुए हैं। इस उद्यान का मुख्य आकर्षण यहाँ के फ़व्वारे हैं, जिनके बारे में कहा जाता है कि इन्हें इंग्लैण्ड से मंगवाया गया था। श्रावण मास की अमावस्या के अवसर पर इस बाड़ी में नगर निवासियों का एक बड़ा मेला भी लगता है।

निर्माण काल
सहेलियों की बाड़ी का निर्माण राणा संग्राम सिंह द्वारा शाही महिलाओं के लिए 18वीं सदी में करवाया गया था। उद्यान के बारे में यह कहा जाता है कि राणा ने इस सुरम्य उद्यान को स्वयं तैयार किया था और अपनी रानी को भेंट किया, जो विवाह के बाद अपनी 48 नौकरानियों के साथ आई थी। ‘फतेह सागर झील’ के किनारे पर स्थित यह जगह अपने ख़ूबसूरत झरनें, हरे-भरे बगीचे और संगमरमर के काम के लिए विख्यात है।

मुख्य आकर्षण
इस उद्यान के मुख्य आकर्षण फ़व्वारे हैं, जो इंग्लैण्ड से आयात किए गए थे। सभी फ़व्वारे पक्षियों की चोंच के आकार की आकृति से पानी निकलते हुये बने हैं। फ़व्वारे के चारों ओर काले पत्थर का बना रास्ता है। बगीचे में एक छोटा-सा संग्रहालय है, जहाँ शाही परिवार की वस्तुओं का एक विशाल संग्रह प्रदर्शित है। संग्रहालय के अलावा यहाँ एक गुलाब के फूलों का बगीचा और कमल के तालाब हैं। उद्यान रोज सुबह नौ बजे से शाम के छ: बजे के बीच तक आगंतुकों के लिए खुला रहता है।

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