अकेले भारत में दुनिया की 20 प्रतिशत से अधिक नेत्रहीन आबादी रहती है।
बाल लेखिका रितिका …
दुनिया भर में सभी आयु वर्ग के लगभग 1 अरब लोग या तो पास की नजर या दूर की नजर या फिर अंधेपन जैसी गंभीर दृष्टिदोष से ग्रस्त हैं। अकेले भारत में दुनिया की 20 प्रतिशत से अधिक नेत्रहीन आबादी रहती है। अक्टूबर में दूसरे गुरुवार को हर साल मनाया जाने वाला विश्व दृष्टि दिवस यानी वर्ल्ड साइट डे (World Sight Day) एक अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम है, जो अंधेपन और दृश्य हानि के बारे में जागरूकता फैलाता है। इस साल यह आज के दिन यानी 12 अक्टूबर को मनाया जा रहा है।
इस साल इसका क्या थीम है ?
डिजिटलाइजेशन के दौर में हम अपनी आंखों की अहमियत को भूल चुके हैं। बढ़े हुए स्क्रीन समय के कारण, टेलीविजन के सामने बैठे लोगों के साथ, घंटों तक मोबाइल फोन का उपयोग करने से, दृश्य समस्याओं में वृद्धि हुई है। इस वर्ष की थीम एक रिमाइंडर है कि हम प्रकृति के उस सुंदर उपहार की देखभाल नहीं कर रहे हैं, जिसकी हमे बहुत ज्यादा हिफाजत करनी चाहिए। यह एक ऐसा उपहार जिसके बिना हम ईश्वर की सुंदर रचना को नहीं देख पाएंगे।
12 अक्टूबर को मनाये जाने वाले विश्व दृष्टि दिवस २०२३ का विषय इस प्रकार है:
World Sight Day 2023 Theme: “Love Your Eyes at Work”
इस विश्व दृष्टि दिवस पर हमारा ध्यान कार्यस्थल पर लोगों को उनकी दृष्टि की सुरक्षा के महत्व को समझने में मदद करने और उद्योग समूहों के मालिकों से श्रमिकों के नेत्र स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने का आह्वान करने पर है।
भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के तहत दिव्यांग व्यक्तियों के सशक्तिकरण विभाग (डीईपीडब्ल्यूडी) देश के दिव्यांग व्यक्तियों के सभी विकास एजेंडे की देखभाल करने वाला नोडल विभाग है। जनता के बीच दृष्टि बाधिता के बारे में जागरूकता पैदा करने की दृष्टि से विभाग देश भर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करके इससे जुड़े संस्थानों के माध्यम से 12 अक्टूबर 2023 को विश्व दृष्टि दिवस मना रहा है।
धन्यवाद।
डिजिटल बाल मेला बच्चों के बीच जागरूकता पैदा करने और उनकी कला को प्रदर्शित करने के लिए बच्चों द्वारा स्थापित एक मंच है।
डिजिटल बाल मेला ने सितंबर एवं अक्तूबर माह के महत्वपूर्ण दिनों पर एक लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया है। प्रतियोगिता के अंत में जिस बच्चे की लेखन कला सबसे अच्छी होगी उसे 1100 रुपये का नकद पुरस्कार भी दिया जाएगा। आप भी इसमें भाग ले सकते हैं। आपके द्वारा लिखे गए लेख डिजिटल बाल मेला में भेजें। बाल लेखकों द्वारा लिखे गए आलेखों को उनकी फोटो के साथ डिजिटल बाल मेला की वेबसाइट पर पोस्ट किया जाएगा।
डिजिटल बाल मेला बच्चों के लिए अपनी प्रतिभा और रचनात्मकता दिखाने का एक अभिनव मंच है। इसकी शुरुआत 2020 में जयपुर की 10 वर्षीय लड़की जान्हवी शर्मा ने की थी। डिजिटल बाल मेला ने अब तक कई अभियान चलाए हैं जिनमें “राजस्थान विधानसभा बाल सत्र”, “हिमाचल प्रदेश विधानसभा बाल सत्र”, “मैं भी” शामिल हैं। बाल सरपंच” आदि।
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