जानिए विश्व दूरसंचार दिवस के बारे में।
संचार, मानव जीवन का आधार है। विचारों, भावनाओं और सूचनाओं के आदान-प्रदान के बिना, जीवन की कल्पना करना भी मुश्किल है। यह एक ऐसा उपकरण है जो हमें दूसरों से जुड़ने, संबंध बनाने और समाज में योगदान करने में मदद करता है। डिजिटल युग ने हमें संचार के अनेक माध्यम प्रदान किए हैं, जिनके कारण हम दुनिया भर के लोगों से आसानी से जुड़ सकते हैं। ऐसे में कम विकसित देशों में डिजिटल परिवर्तन लाने के लिए हर साल 17 मई को विश्व दूरसंचार दिवस मनाया जाता है।
इस दिन के माध्यम से, विश्व स्तर पर दूरसंचार के महत्व को समझाया जाता है और इसके माध्यम से लोगों को संचार की महत्वता के बारे में जागरूक किया जाता है। विश्व दूरसंचार दिवस विश्व स्तर पर दूरसंचार के विकास और उसके सुधार के लिए समर्पित होता है। इस दिन के अंतर्गत, भारत समेत विभिन्न देशों में अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जिनके माध्यम से लोगों को दूरसंचार के महत्व को समझाया जाता है।
क्यों मनाया जाता है वर्ल्ड टेलीकम्यूनिकेशन डे?
विश्व दूरसंचार दिवस का मुख्य उद्देश्य दुनिया भर में टेलीकम्यूनिकेशन के महत्व को संवेदनशील बनाना है और टेलीकम्यूनिकेशन से जुड़ी नवीनतम प्रौद्योगिकियों व उनके उपयोग को प्रचारित करना है। विश्व दूरसंचार दिवस के माध्यम से लोगों को टेलीकम्यूनिकेशन के महत्व और इसकी दुनिया में अपनी भूमिका को समझाने का प्रयास किया जाता है।
विश्व दूरसंचार दिवस का आयोजन विश्व स्तर पर टेलीकम्यूनिकेशन समुदाय के द्वारा किया जाता है और यह दिन भारत समेत दुनिया के विभिन्न देशों में बड़े उत्साह से मनाया जाता है। विश्व दूरसंचार दिवस के अवसर पर अनेक संगठन, संस्थाएं और टेलीकम्यूनिकेशन कंपनियां अपनी नवीनतम प्रौद्योगिकियों व परियोजनाओं को लोगों से साझा करती हैं ताकि लोग इस तकनीक के बारे में अधिक जान सकें।
वर्ल्ड टेलीकम्यूनिकेशन डे का इतिहास
विश्व दूरसंचार दिवस का शुभारंभ 1969 में हुआ था जब संयुक्त राष्ट्र संघ ने टेलीकम्यूनिकेशन एक क्षेत्र के रूप में स्वीकार किया था। विश्व दूरसंचार दिवस अपने नाम के विषय में दुनिया भर में अधिक जागरूकता फैलाने का उद्देश्य रखता है ताकि लोग टेलीकम्यूनिकेशन के महत्व को समझें और इसके उपयोग से संबंधित नवीनतम विकासों के बारे में जानें। 17 मई का दिन इसलिए तय किया गया क्योंकि इसी दिन साल 1865 को अंतरराष्ट्रीय संचार संघ (International Telecommunication Union) की स्थापना हुई थी।
“कौन बनेगा बाल पर्षद” कार्यक्रम स्वच्छ भारत अभियान और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन पर केंद्रित है, जिसका उद्देश्य बच्चों को स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के महत्व के बारे में जागरूक करना है। इस कार्यक्रम के माध्यम से, डिजिटल बाल मेला और जयपुर नगर निगम हेरिटेज बच्चों को सामाजिक और पर्यावरण संबंधी मुद्दों पर अपनी रचनात्मकता और नवाचार को प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान कर रहे हैं।
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