जानिए हनुमान जयंती के बारे में।
शिवाक्ष शर्मा।
भगवान हनुमान एक पवित्र और सबसे सम्मानित हिंदू भगवान हैं, जिनके मंदिर आमतौर पर राष्ट्र के हर छोटी बड़ी जगहों पर पाए जाते हैं। हनुमान जयंती एक जश्न का अवसर है जब सभी हिंदू लोग भगवान हनुमान के जन्म का जश्न मनाते हैं।
भगवान हनुमान अपने कौशल और बुद्धि के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने अकेले ही पूरे लंका को जला दिया और यहां तक कि महाशक्तिशाली रावण भी उन्हें नहीं रोक पाया। वह शक्तिशाली होने के साथ ही शांत और सौम्य भी है।
हिंदू धार्मिक ग्रंथों और हनुमान चालीसा में, यह विशेष रूप से उल्लेख किया गया है कि हनुमान अपने पूजक को शौर्य, साहस और जीवन शक्ति प्रदान करते है। वह अपने भक्तों के जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करते है और खुशी तथा संतोष लाते है।
उन लोगों के लिए जो अपने रोजमर्रा के जीवन में काफी व्यस्त हैं रहते हैं और हर रोज हनुमान जी की पूजा नही कर पाते; उनके लिए हनुमान जयंती एक बेहतर अवसर है ताकि अपने सारी गलतियों की माफ़ी मांगकर उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकें।
हिंदू कैलेंडर के अनुसार एक वर्ष में हनुमान जयंती का त्योहार दो बार मनाएं जाने की परंपरा है, दरअसल भगवान हनुमान का जन्मोत्सव एक बार ही मनाया जाता है जबकि दूसरी बार हनुमान जयंती को विजय दिवस के रूप मे मनाया जाता है। वाल्मीकि रामायण के अनुसार भगवान हनुमान का जन्म कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर और स्वाति नक्षत्र में हुआ था। इस तरह से हनुमानजी का प्रगट्यपर्व यानी हनुमान जयंती कार्तिक माह की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। वहीं हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को भगवान हनुमान का जन्मोत्सव मनाया
जाता है।
डिजिटल बाल मेला ने अप्रैल माह के महत्वपूर्ण दिनों पर एक लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया है। प्रतियोगिता के अंत में जिस बच्चे की लेखन कला सबसे अच्छी होगी उसे 1100 रुपये का नकद पुरस्कार भी दिया जाएगा। आप भी इसमें भाग ले सकते हैं। आपके द्वारा लिखे गए लेख डिजिटल बाल मेला में भेजें। बाल लेखकों द्वारा लिखे गए आलेखों को डिजिटल बाल मेला की वेबसाइट पर पोस्ट किया जाएगा।
डिजिटल बाल मेला की शुरुआत कोरोना काल में बच्चों की बोरियत को दूर करने के लिए जयपुर के महाराजा सवाई मानसिंह विद्यालय की छात्रा जान्हवी शर्मा द्वारा की गई थी। इसके तहत अभी तक कई अभियानों का आयोजन किया जा चुका है जिसमें “बच्चों की सरकार कैसी हो?” “मैं भी बाल सरपंच” “कौन बनेगा लोकतंत्र प्रहरी” “म्यूजियम थ्रू माय आइज” आदि शामिल हैं।
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