12 जून को स्पीकर श्री कुलदीप सिंह पठानिया की अध्यक्षता में हुआ था आयोजन…
साक्षी ठाकुर.
शिमला. 12 जून को हिमाचल प्रदेश विधानसभा स्पीकर की अध्यक्षता में राज्य ऐतिहासिक बाल सत्र का साक्षी बना. इस विशेष सत्र के लिए देश भर से 68 बच्चों का चयन किया गया था, जिसकी प्रक्रिया कुल तीन माह चली थी. “बाल प्रतिनिधि” बाल मुद्दों पर अपनी आवाज़ शिमला स्थित विधानसभा भवन में मुखर करते नज़र आए. सोलन के जी. एस. एस. एस. कन्ना में पढ़ रही शिवानी राणा का चयन भी इस सत्र के लिए किया गया था जिसमें उन्होंने विपक्ष के विधायक की भूमिका निभाई.
शिवानी ने नियम 324 के तहत सरकार को सुझाव देते हुए कहा कि -“प्रदेश में आम-जनता को आवारा पशुओं के कारण हो रही हानि का ज़िम्मेदार कौन है? मैं, आप या प्रदेश का प्रशासन जो अपनी जनता को आवारा पशुओं से बचाने मैं भी नाकाम है. इन आवारा पशुओं में कुत्ते, गाय, बैल एवं बंदर शामिल है. सभापति महोदय प्रदेश में शिमला हो या पालमपुर सभी जगह आवारा पशुओं का खौफ है लोग गलियों में निकलने से डरते है, हम बच्चे पैदल न विद्यालय जा सकते है न ही खेल मैदान. इसी के साथ यह बंदर हमारे राज्य के किसानों की फसलें नष्ट कर देते है बाहर से आए पर्यटकों पर हमला करते है, हाईवे पर कई सड़क दुर्घटनाएं पशुओं के कारण हो रही है. इनमें से कुछ आवारा पशु किसानों द्वारा भी खुले छोड़ दिए जाते है.
इस सत्र में मुख्य अतिथि के तौर पर राज्य के मुख्यमंत्री श्री सुखविंदर सिंह सुक्खू एवं बतौर विशिष्ठ अतिथि राज्यसभा उप-सभापति श्री हरिवंश नारायण सिंह, शामिल हुए. इस सत्र की ख़ास बात यह रही की बच्चों ने ही मुख्यमंत्री, नेता-प्रतिपक्ष, स्पीकर समेत सभी पदों की भूमिका निभाई व एक दिन के लिए राज्य की विधानसभा का संचालन किया।
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