आईए जानते हैं हिमाचल प्रदेश की किस चीज से अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के बारे में…

आईए जानते हैं हिमाचल प्रदेश की किस चीज से अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के बारे में।

बाल लेखिका कशिश।

 

हर साल 1 अक्टूबर को मनाया जाने वाला अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस, एक वैश्विक अवसर है जो वरिष्ठ नागरिकों के अमूल्य योगदान को मान्यता देता है और उनके सामने आने वाली अनूठी चुनौतियों पर प्रकाश डालता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा स्थापित यह दिन, बुजुर्गों को सम्मानित करने और जश्न मनाने, समाज में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करने और उनकी भलाई को प्रभावित करने वाले मुद्दों को संबोधित करने के अवसर के रूप में कार्य करता है।
हर साल की तरह इस साल भी 1 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस (World Elders Day) मनाया जा रहा है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 14 अक्टूबर 1990 में वृद्धजनों के लिए अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस घोषित किए जाने की बात रखी थी, जिसके बाद से 1 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के रूप में मनाया जाने लगा. इससे पहले दो महत्वपूर्ण घटनाक्रम थे – वियना अंतर्राष्ट्रीय कार्य योजना और एजिंग पर विश्व सभा. दो पहलों ने बुजुर्ग लोगों के लिए समर्पित दिन का नेतृत्व किया। इस वृद्ध दिवस (Older Persons Day) के दिन न सिर्फ बुजुर्गों के प्रति उदार होने का संकल्प लेना चाहिए, बल्कि बुजुर्गों की देखभाल की जिम्मेदारी भी समझनी चाहिए।
अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस मनाने की शुरुआत सन् 1990 में की गई थी। विश्व में बुजुर्गों के प्रति होने वाले दुर्व्यवहार और अन्याय को रोकने के लिए लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए 14 दिसंबर 1990 को यह निर्णय लिया गया। तब यह तय किया गया कि हर साल 1 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के रूप में मनाया जाएगा, और 1 अक्टूबर 1991 को पहली बार अंतरराष्ट्रीय बुजुर्ग दिवस या अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस मनाया गया।
बुजुर्ग हमारे लिए ईश्वर का अवतार होते हैं, जिनके आशीर्वाद से हमारा पालन पोषण होता है, उनके प्रति मन में सम्मान और अटूट प्रेम होना स्वभाविक सी बात है। लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण होता है, उस अवस्था में उनके साथ होना, जब वे असहाय और अक्षम होते हैं। यही उनके प्रति अहमारे प्रेम और सच्ची श्रद्धा होती है। भले ही समयाभाव में यह हमेशा संभव न हो, लेकिन इस एक दिन हम उनके प्रति जितने समर्पित हो सकते हैं होना चाहिए, क्योंकि उन्हें सिवाए प्रेम के और कुछ नहीं चाहिए।

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