जानिए जयपुर के विश्व प्रसिद्ध हवामहल के बारे में।
शिवाक्ष शर्मा।
भारत का राजस्थान राज्य अपनी रंगीन संस्कृति-खूबसूरत पहनावा, दिलचस्प कलाकृति और प्रसिद्ध व्यंजनों के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं। जयपुर शहर में स्थित एक बहुत ही आकर्षक स्थल है जिसका नाम है हवामहल, जो अपने यादगार और प्रभावशाली बाहरी हिस्से के लिए जाना जाता है। हवा महल एक ऐसी ही प्राचीन और ऐतिहासिक इमारत है, जो अपनी अद्भुत खूबसूरती और संरचना के लिए जाना जाता है। हवा महल को हमेशा भगवन श्री कृष्णा से जोड़कर देखा जाता है। हवा महल का निर्माण 1799 में रॉयल सिटी पैलेस के विस्तार के रूप में बनाया था। कहा जाता है कि इस इमारत को बनवाने वाले राजा सवाई प्रताप सिंह श्री कृष्णा भगवन के प्रति बहुत ही भक्ति और श्रद्धा रखते थे, जिसकी वजह से उन्होंने हवा महल को श्री कृष्णा के ताज के समान बनवाया था। इस पांच मंजिला इमारत को बहुत ही अनोखे ढंग से बनाया गया है। यह ऊपर से तो केवल डेढ़ फुट चौड़ी है और बाहर से देखने में किसी मधुमक्खी के छत्ते के समान दिखती है। इस हवामहल में 953 छोटी खिड़कियां हैं जिससे ठंडी और ताजी हवा आती रहती है। जिसके कारण यह जगह बिल्कुल ठंडी रहती है। कई झरोखे और खिडकियां होने के कारण हवा महल को “पैलेस ऑफ विंड्स” भी कहा जाता है। ललित जाली की खिड़कियों और पर्दे वाली बालकनी से सजे इस खूबसूरत हवा महल के निर्माण का मुख्य उद्देश्य शाही जयपुर की शाही राजपूत महिलाओं को झरोखों में से सड़क पर हो रहे उत्सवों को देखने की अनुमति देना था। इसके अलावा हवा महल के अंदर एक छोटा संग्रहालय भी है, जिसमें आपको कई ऐतिहासिक चीजें देखने को मिल जाएंगी। तो अगली बार जब भी गुलाबी शहर यानी जयपुर जाने का प्लान बने तो, इस गुलाबी इमारत को देखने जरूर जाएं।
राजस्थान के 75वें स्थापना दिवस के मौके पर डिजिटल बाल मेला ने नये अभियान “रूट्स ऑफ राजस्थान” की है। आपको बता दें की इस अभियान का उद्देश्य बच्चों के दृष्टिकोण से राजस्थान की कला, संस्कृति एवं पर्यटन को बढ़ावा देना एवं बच्चों को राजस्थान की विरासत से परिचित करवाना है।
इसमें बच्चों को आठ से दस मिनट तक की वीडियो बनानी है जिसमें राजस्थान के पर्यटन स्थल एवं राजस्थान की कला और संस्कृति का विवरण हो।
अपनी वीडियो को आप डिजिटल बाल
मेला के टेलीग्राम, वाट्सएप एवं अधिकारिक वेबसाइट पर भेज सकते हैं। हर महीने सबसे श्रेष्ठ वीडियो भेजने वाले बच्चे को मोबाइल फोन ईनाम में मिलेगा एवं टॉप 100 बच्चों को विश्व पर्यटन दिवस पर यानी तीन दिन का जयपुर भ्रमण करवाया जाएगा एवं तभी प्रथम स्थान पर रहने वाले बच्चे को पचास हज़ार का ईनाम, द्वितीय स्थान को बीस हज़ार, तृतीय स्थान को दस हज़ार के ईनाम से नवाज़ा जाएगा।
डिजिटल बाल मेला इससे पहले भी बच्चों की रचनात्मकता बढ़ाने के लिए “शेड्स ऑफ कोविड”
म्यूजियम थ्रू माय आइज” जैसे अभियानों का आयोजन कर चुका है।
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