परीक्षा के दिनों में बच्चे कैसे रहें तनाव मुक्त, आइए जानते हैं कुछ टिप्स…

परीक्षा के दिनों में बच्चे कैसे रहें तनाव मुक्त, आइए जानते हैं कुछ टिप्स।

शिवाक्ष शर्मा।

फरवरी और मार्च के महीने 10वीं और 12वीं के बच्चों के लिए बहुत ही तनावपूर्ण होते हैं। इस समय उनकी बोर्ड का परिक्षाएं होती हैं, जिसके कारण वे खुद को घरोंं में बंद करके किताबों में खो जाते हैं।
कुछ ही दिनों में परीक्षा का दौर शुरू होने वाला है। बोर्ड एग्जाम्स के साथ ही जल्द ही कई स्कूलों में अन्य कक्षाओं की परीक्षाएं भी शुरू होने वाली हैं। ऐसे में परीक्षा के माहौल के चलते बच्चे लगातार दबाव महसूस करने लगते हैं। अक्सर परीक्षा में अच्छा परिणाम लाने और पेरेंट्स या टीचर्स की उम्मीदों पर खरे उतरने की कोशिश बच्चों में तनाव की वजह बन जाती है।

चलिए जानते है परिक्षा के तनाव को कम करने के लिए कुछ टिप्स:

काफी समय पहले से ही तैयार शुरू करें।

परीक्षा शुरू होने से काफी पहले ही पढ़ाई शुरू कर दें। इससे आप हड़बड़ी किए बिना ही अपने स्लेबस को पूरा कर पाएंगे। अपने स्लेबस के आपको छोटे और मैनेजेबल सेशन में बाटना है जिससे आप इसे आसानी से खत्म कर पाएंगे। सभी विषयों के लिए एक स्लॉट बनाएं और ये सुनिश्चित करें कि आप सभी को समान समय दें। अपनी तैयारी को जानने के लिए मॉक टेस्ट, प्रैक्टिस पेपर को सॉल्व करें।

खुद को फ्रेश रखने के कोशिश करें।

अपने मन और शरीर को शांत करने के लिए गहरी सांंस लेने के व्यायाम करें। धीरे और गहरी सांसें लें, अपनी नाक से सांस लें और अपने मुंह से सांस छोड़ें। हर दिन ध्यान लगाने के लिए कुछ समय निकालें। अपने विचारों को बिना किसी नाकारात्मक सोच के आने और जाने दें। योग का अभ्यास तनाव को कम करने और आराम को बढ़ाने में मदद कर सकता है। अपनी दिनचर्या में योग मुद्राएं शामिल करें, जैसे कि चाइल्ड पोज, सीटिड फॉरवर्ड पोज। प्रत्येक पोज में आगे बढ़ते समय अपनी सांसों पर ध्यान लगाएं, जिससे आप अच्छा महसूस कर सकें।

अपने आप को व्यवस्थित रखने की कोशिश करें।

परीक्षा की तैयारी के दौरान लास्ट समय की एंग्जाइटी को कम करने के लिए व्यवस्थित रहना बहुत जरूरी है। फोकस और उत्पादकता को अधिकतम करने के लिए पढ़ने की सामग्री, नोट्स और संसाधनों को सभाल कर रखें। जब आपकी चीजें ज्यादा अव्यवस्थित रहती है तो आपका ध्यान अधिक भटक सकता है। अच्छी तरह से चीजों को ऑर्गेनाइज करने से आपका समय बचता है, जिससे आप ब्रेक ले सकते है और बर्नआउट से बच सकते है।

एक्टिव लर्निग की कोशिश करें।

किसी भी विषय को रटने की कोशिश न करे, ये आदत छोड़ दें। इसकी जगह आपको एक्टिव लर्निंग करनी चाहिए। नोट्स लेने, दूसरों को सिखाने और खुद के साथ प्रशन उत्तर करने के माध्यम से आप चीजों को बेहतर ढंग से कर सकते है। एक्टिव लर्निंग करने से आप में सोचने और समझने की प्रवृति आती है जिससे परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन होता है और विषय वस्तु पर आप कहीं अधिक समझ और महारत हासिल करते है।

डिजिटल बाल मेला ने मार्च माह के महत्वपूर्ण दिनों पर एक लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया है। प्रतियोगिता के अंत में जिस बच्चे की लेखन कला सबसे अच्छी होगी उसे 1100 रुपये का नकद पुरस्कार भी दिया जाएगा। आप भी इसमें भाग ले सकते हैं। आपके द्वारा लिखे गए लेख डिजिटल बाल मेला में भेजें। बाल लेखकों द्वारा लिखे गए आलेखों को डिजिटल बाल मेला की वेबसाइट पर पोस्ट किया जाएगा।

डिजिटल बाल मेला की शुरुआत कोरोना काल में बच्चों की बोरियत को दूर करने के लिए जयपुर के महाराजा सवाई मानसिंह विद्यालय की छात्रा जान्हवी शर्मा द्वारा की गई थी। इसके तहत अभी तक कई अभियानों का आयोजन किया जा चुका है जिसमें “बच्चों की सरकार कैसी हो?” “मैं भी बाल सरपंच” “कौन बनेगा लोकतंत्र प्रहरी” “म्यूजियम थ्रू माय आइज” आदि शामिल हैं।

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