बच्चे दिलाएंगे पर्यटन स्थल , विरासत, कला और संस्कृति को नई पहचान…
शिवाक्ष शर्मा।
डिजिटल बाल मेला लेकर आ रहा है बच्चों के लिए एक नया अवसर अपनी कला दिखाने का। डिजिटल बाल मेला द्वारा राजस्थान स्थापना दिवस (30 मार्च) पर बच्चों के दृष्टिकोण से राजस्थान की कला, संस्कृति एवं पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक नयी मुहिम शुरू की जा रही है जिसमें दस से अठारह वर्ष के बच्चे भाग ले सकते हैं। इसमें बच्चों को आठ से दस मिनट तक की वीडियो बनानी है जिसमें राजस्थान के पर्यटन स्थल,कला और संस्कृति का विवरण हो।
और राजस्थान में अनेक गढ़,किले ,ऐतिहासिक भवन ,महल मंदिर एवं तीर्थ स्थान है इस मुहिम का मकसद बच्चों के दृष्टिकोण से राजस्थान के पर्यटन को बढ़ावा देना है।
अपनी वीडियो को आप 30 जून तक डिजिटल बाल
मेला के टेलीग्राम, वाट्सएप एवं अधिकारिक वेबसाइट पर भेज सकते हैं। हर महीने सबसे श्रेष्ठ वीडियो भेजने वाले बच्चे को मोबाइल फोन ईनाम में मिलेगा एवं टॉप 100 बच्चों को विश्व पर्यटन दिवस पर यानी 27 सितंबर को तीन दिन का जयपुर भ्रमण करवाया जाएगा एवं तभी प्रथम स्थान पर रहने वाले बच्चे को पचास हज़ार का ईनाम, द्वितीय स्थान को बीस हज़ार, तृतीय स्थान को दस हज़ार के ईनाम से नवाज़ा जाएगा।
डिजिटल बाल मेला की शुरुआत कोरोना काल में बच्चों की बोरियत को दूर करने के लिए जयपुर के महाराजा सवाई मानसिंह विद्यालय की छात्रा जान्हवी शर्मा द्वारा की गई थी। इसके तहत अभी तक कई अभियानों का आयोजन किया जा चुका है जिसमें “बच्चों की सरकार कैसी हो?” “मैं भी बाल सरपंच” “कौन बनेगा लोकतंत्र प्रहरी” “म्यूजियम थ्रू माय आइज” आदि शामिल हैं।
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